BIKHARI YAADEN
यादो के बहाव में बह जाना याद है
छोटी छोटी बातों पे मुस्कुराना याद है
पतझड़ मैं भी लगता था मौसम बहारों का
तुम्हारे इंतज़ार मैं वक्त बिताना याद है
कभी साथ बैठे बैठे युही वक्त बिता देना
कभी मेरी हर बात पर तुम्हारा मुस्कुराना याद है
कभी बिन बताये तुम्हारा सब कुछ कह देना
कभी कह के भी बात छुपाना याद है
कुछ सुन ना चाहते थे हम तुमसे
पर तुम्हारा न कह पाना याद है
अभी तो मिले भी नही थे रास्ते हमारे
यूँ एक मोड़ पर राहों का मुड़ जाना याद है
चाहा था एक कहानी बने हमारी
मगर पन्नो का अचानक बिखर जाना याद है
कहाँनी न सही अफसाना तो बन गया
इस अफ़साने का हर फ़साना मुझे याद है