Friday, October 17, 2008

~*~Bikhari Yaaden~*~


BIKHARI YAADEN

यादो के बहाव में बह जाना याद है 

छोटी छोटी बातों पे मुस्कुराना याद है 
पतझड़ मैं भी लगता था मौसम बहारों का 
तुम्हारे इंतज़ार मैं वक्त बिताना याद है  
कभी साथ बैठे बैठे युही वक्त बिता देना 
कभी मेरी हर बात पर तुम्हारा मुस्कुराना याद है 
कभी बिन बताये तुम्हारा सब कुछ कह देना  
कभी कह के भी बात छुपाना याद है  
कुछ सुन ना चाहते थे हम तुमसे 
पर तुम्हारा न कह पाना याद है 
अभी तो मिले भी नही थे रास्ते हमारे 
यूँ एक मोड़ पर राहों का मुड़ जाना याद है  
चाहा था एक कहानी बने हमारी  
मगर पन्नो का अचानक बिखर जाना याद है 
कहाँनी न सही अफसाना तो बन गया 
इस अफ़साने का हर फ़साना मुझे याद है